डिप्रेशन का मतलब निराशा या उदासी होता है आजकल मनुष्य अपना दिनचर्या भूलता जा रहा है जिसके कारण खान पान रहन सहन सोना जगना सब प्रभावित होता जा रहा है ऐ सभी भी डिप्रेशन का एक कारण है.
जैसे मनुष्य के साथ जब कोई बड़ी घटना हो जाती है तब वह उसके बारे में लगातार दिन-रात सोचता रहता है और उसमें खो जाता है जैसे घर में किसी की मृत्यु हो गई या जीवनसाथी छोड़कर चला गया या कोई भी बड़ी घटना जिसके कारण व्यक्ति हमेशा उसी के बारे में सोचता रहा है.
और उसके दिमाग में उसके अलावा कोई और कोई ख्याल ना आए तो उसे डिप्रेशन कहते हैं यह मानसिक विकृति होती है लंबे समय तक बना रहे तो यह बीमारी का रूप ले लेती है
डिप्रेशन के कारण:-
डॉक्टर का माने तो डिप्रेशन का कोई प्रमुख कारण नहीं होता है डिप्रेशन
का अलग-अलग कारण हो सकता है जैसे अत्यधिक चिंतन के कारण किसी भारी नुकसान के कारण
किसी अपने को खोने के दुख का कारण आदि कारण हो सकते हैं।
डिप्रेशन के अन्य कारण:-
डिप्रेशन किसी भी आयु के व्यक्ति में हो सकता है जैसे:-
- बाल्यावस्था ( बचपन में)
- युवावस्था ( नवयुवक में)
- वृद्धावस्था ( बुढ़ापे में)
बाल्यावस्था:-
बाल्यावस्था में डिप्रेशन का कई कारण हो सकता है जैसे जन्म से
ही किसी बड़ी बीमारी से ग्रसित होने के कारण डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं मानसिक
और शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण वह सामान बच्चों की तरह खेलकूद और कार्य नहीं
कर पाते जिसके कारण वह अपने आप को कम
जोड़ा समझते हैं और इन सभी के बारे में सोचते सोचते मानसिक रूप से उदास होते चले जाते हैं ऐसे बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित
करना चाहिए और उनका ध्यान रखना चाहिए।
युवावस्था:-
युवाओं में डिप्रेशन का मुख्य कारण आजकल भागदौड़ की जिंदगी
में युवा अपना दिनचर्या बिल्कुल हीं भूलता जा रहा है अच्छी पढ़ाई अच्छी नौकरी आदि मनचाहा न होने के कारण डिप्रेशन का मुख्य कारण है सभी को अच्छा घर नौकरी पैसा आदि चाहिए और मन अनुसार ना होने के कारण डिप्रेशन में चला जाता है उन सभी को बार
बार सोचते हुए उसकी मानसिक विकृति हो जाती है जिससे युवा डिप्रेशन का शिकार होता
जा रहा है।
वृद्धावस्था:-
वृद्धावस्था में
डिप्रेशन का मुख्य कारण अक्सर व्यक्ति अकेला होता है और अत्यधिक चिंता करता है
जिसके कारण वह डिप्रेशन का शिकार हो जाता है और भी अन्य कारण है जैसे लंबी समय
से चल रहे बीमारी के
कारण बच्चों के व्यवहार ठीक ना होने के कारण बच्चों के सेवा सत्कार ना करने के कारण
डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं और हमेशा
उसी के बारे में सोचते
रहते हैं इसलिए लंबी बीमारी होने का खतरा बना रहता है
जेनेटिक्स:-
डिप्रेशन का एक कारण जेनेटिकली हो सकता है इस एक जनरेशन से दूसरे जनरेशन में ट्रांसफर होता रहता है इसके कारण है डिप्रेशन होता है जिसका
पता लगा पाना बहुत कठिन होता है की किस जीने के विकृत होने के कारण यह होता है इस प्रकार
के डिप्रेशन को ठीक करपाना मुश्किल होता है या अन्य कारणों के अपेक्षा जटिल होता है।
असंतुलित हार्मोंस :-
महिलाओं में प्रत्येक माह में रजोधर्म होने के कारण हारमोंस में परिवर्तन
होता रहता है जिसके कारण डिप्रेशन हो सकता है जैसे अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण मानसिक
और शारीरिक कमजोरी होने के कारण खानदान की सुविधा ना होने के कारण सामाजिक और पारिवारिक
पीड़ा के कारण डिप्रेशन का शिकार हो सकती है।
मादक पदार्थों का सेवन:-
मादक पदार्थों का
अत्यधिक सेवन करने के कारण डिप्रेशन हो सकता है मादक पदार्थों
का लत लग जाने के कारण समय से मादक पदार्थ ना मिलने के
कारण उसके बारे में लगातार मंथन करने से व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है।
दवाई:-
लंबे
समय से प्रयोग की जा रही दवाइयों के दुष्प्रभाव के कारण डिप्रेशन का शिकार हो सकते
हैं इसलिए डिप्रेशन से बचने के लिए दवाई का प्रयोग हमेशा डॉक्टर के सलाह से ही ले अन्यथा
यह आप को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
डिप्रेशन के लक्षण:-
- सिर और शरीर में दर्द ।
- सोचने और निर्णय लेने में कठिनाई।
- मांसपेशियों में दर्द ।
- बेवजह थकान महसूस होना।
- उदास मन ।
- बेचैनी।
- चिड़चिड़ापन।
- मिजाज ।
- निराशा।
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई ।
- कुशलता से काम करने में असमर्थता।
- अपराध बोध और बेकार की भावना ।
- अकेले रहना ।
- अत्यधिक नीद आना।
- नींद कम आना आदि कारण होते हैं।
डिप्रेशन का रोकथाम:-
• डिप्रेशन से गुजर रहे व्यक्ति को मनपसंद संगीत सुनना
चाहिए।
• जिन कार्यों को
करने में आपा का मन प्रसन्न रहें तनाव मुक्त रहें उन कार्यों को करना चाहिए।
• ऐसे में
अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ना चाहिए जो आपके मानसिक संतुलन को बनाए रखें और डिप्रेशन से बाहर
निकालें।
• दिनचर्या का पालन
करते हुए ताजा एवं प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का प्रयोग करें जिससे
स्वास्थ्य अच्छा बना रहे हैं।
• डिप्रेशन से गुजर रहे
व्यक्ति को अपना दिनचर्या ठीक करते हुए ठीक समय से सोए और ठीक समय से जगह नीरज जी ने
जो
स्वस्थ को ठीक रखने में सहायक होगा।
• नियमित रूप से
व्यायाम करना चाहिए व्यायाम करने से शरीर और मन मजबूत होते हैं और डिप्रेशन से
बाहर आने में
सहायता मिलता है।
• ज्यादा लंबे समय
तक अगर डिप्रेशन से बाहर नहीं निकल पाते हैं तो अपने नजदीकी चिकित्सक से मिलें वह
आपके स्वस्थ
एवं
दिनचर्या को देखते हुए आप का इलाज करेंगे और इससे आपको बहुत आराम मिलेगा।
• प्रत्येक देना
योगा करें एवं मेडिटेशन करें इससे मस्तिक एवं मन को शांति मिलता है।
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